एक चेहरा, लेकर आया दो रुप
पल-पल क्यों बदलने लगा स्वरूप?
कैसे पहचाने इनके असली रंग
प्रेम या द्वेष, कौन है इसमें संग?
एक झूठ है तो दूसरी है सच्चाई
किस से शुरू करे अपनी लड़ाई?
आज और कल के उठते सवाल
करते है क्यों हमको ये बेहाल ?
हर चेहरे के बदलते गीत
छुपी है इसमें क्या हकीकत ?
खुशी - गम का अनजाना साया
इसमें क्या खोया क्या पाया?
-अस्तित्व, यू ए ई
शुक्रवार, 18 जुलाई 2008
चेहरा
प्रस्तुतकर्ता अस्तित्व पर शुक्रवार, जुलाई 18, 2008 2 टिप्पणियाँ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)