॥ॐ श्री गणेशाय नम:॥
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रविवार, 29 मार्च 2009

चुनाव मेरे विचार


चुनाव आने वाले है। सभी पार्टियाँ इस माहौल को अपने पक्ष में करने के लिये उतावले है। कोई मौका नहीं छोड़ते है एक दूसरे के टांग खीचने के लिये। हर मीडिया भी अपने तरीके से हर छोटी मोटी घटनाओं को उछाल कर अपने चैनल को अग्रसर करने की कोशिश में लगे है।
वरुण गांधी एकाएक हिन्दुस्तान की राजनीति में एक अहम व्यक्ति बन गये है। कांग्रेस ने चाहा तो कुछ और था, लेकिन हो गया कुछ और। यू पी ए बिखर तो रहा है लेकिन मुख्य लड़ाई तो बी जे पी( एन डी ये) से है। साम्प्रदायिक मुद्दा तो यू पी ए का एक षड्यन्त्र है लोगो को गुमराह करने के लिये। आग तो कांग्रेस ने लगाई हुई है। शुरु से ही मुसलमान समुदाय को एक वोट बैंक कि तरह इस्तेमाल किया है। तो फ़िर भा ज पा ने हिन्दू कार्ड खेल कर इस को तूल दिया। कश्मीर मे आतंकवाद हो या पंजाब में भिन्डरवाला का जन्म हो या फ़िर आतंकवादियों को छोड़ने( महबूबा) की , या फ़िर आन्तकवाद का शिकार(इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी हत्याकांड) या फ़िर 1984 के दंगे हो, इन सब को कांग्रेस ने जन्म दिया या उनके कार्यकाल में हुआ। फ़िर किस आधार पर भा ज पा पर आरोप लगाया जाता है( पार्लियामेन्ट पर हमला, आतंकवादियों को छोड़ना) लेकिन अगर कोई पूछे की इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी हत्याकांड किस दौर मे हुआ।
आतंकवादियों को छोड़ना – जरा पूछो उन लोगो से और उनके रिश्तेदारों को जो खुद को और अपने सकुशल लौटने से खुश है। कहना और इलज़ाम लगना अति आसान है। ज्यादातर शासन कांग्रेस ने किया है तो फ़िर दुबारा गरीब और उनकी सहानुभूति बटोरने का अधिकार क्यों? मंदिर – मस्जिद का मुद्दा भाजपा की सियासी मज्बूरी है। पर एक बार एन डी ये सरकार बनाती है तो यकीन मानये ए सब मुद्दे ठन्डे बस्ते में ही जायेंगे।
अगर नेताओं की बात करे( कुछ एक हार्डलाइनर को छोड़ कर) तो भाजपा में ही कुछ येसे नेता है जो देश की उन्नति में एक अहम भूमिका निभा सकते है।
कुछ लोग ( प्रोफ़ेसिनल) इस चुनाव में अपने भाग्य आज़मा रहे है। लेकिन क्या देश की राजनीति में उनकी जगह है या वो कोई बदलाव ला सकते है या फ़िर कितने सालों में?
हम सब लोग इस पर एक ऐसी भूमिका निभा सकते है। वोट करे और ध्यान रखे की कौन सही व्यक्ति इस देश को सही दिशा दे सकता है अगर वो एक विशेष पार्टी से सम्बन्ध रखता है या प्रतिनिधित्व करता है( जो कि सरकार बनाने मे अहम भूमिका निभा सकता है)।
हमारे वोट करने वालो को सोचना चाहिये की वो इस चुनाव प्रक्रिया मे भाग ले ना की छुट्टियॉ में तब्दील करे। और एक स्वच्छ, ईमानदार( मुश्किल है पर दूसरे से अच्छा) और जिसे देश और दुनिया की फ़िक्र है, उसे ही वोट करे। सभी पढे लिखे वर्गो को इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहिये और येसे व्यक्ति या पार्टी को अपना वोट दे जो सही मानो मे देश की उन्नति में या देश की समस्याओं को सुलझाने में योगदान दे सके।

मै तो आबू दाबी में कार्यरत हूं सो केवल विचार व्यक्त कर सकता हूं। लेकिन देश की प्रगति की ओर एक सवेंदशील हूं। मेरे विचार में शायद किसी पार्टी को थोड़ा भाव दे रहा हूं लेकिन ये केवल मेरे अपने विचार है क्योंकि मै समझता हूं इस प्रारूप में कुछ श्रेष्ठ लोगो को या पार्टी को मौका मिलना चाहिये।

जय हिन्द!!!!

अस्तित्व, आबू दाबी, यू ए ई