॥ॐ श्री गणेशाय नम:॥
आपका स्वागत है मेरे इस ब्लोग में। आशा है आपको मेरे साथ आनन्द आयेगा। मेरा प्रयास रहेगा की आप की आशाओ में खरा उतरुंगा। सभी पढ़ने वालो को मेरा सप्रेम नमस्कार एवम् अभिनंदन। .

शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

आहट तेरी आये तो……



दर्द के लमहे समेटे
अहं की चादर लपेटे
वक्त के सूनेपन में
खोया यूं अपने में
आहट तेरी आये तो????

यादों के साये में
मौसम के बहकाये में
ख्वाबों के बिखरने में
आंसुओ के छलकने में
आहट तेरी आये तो????

खुशबू तेरी हर सांस में
दूरी के हर अहसास में
गिरते हुये विश्वास में
प्यार की हर आस में
आहट तेरी आये तो????

‘अस्तित्व’ अपना बचा ले
प्यार अपना हम पा ले
दुःख दर्द अपना बांट ले
जीना फ़िर सीख ले
आहट तेरी आये तो।

-अस्तित्व, यू ए ई

सोमवार, 15 सितंबर 2008

दिल्ली में फिर्…………


दिल्ली में फिर्…………


आंतक का दानव फ़िर बहका
सांसे कुछ रुक गई
जिदगी कुछ थम सी गई
घाव रिसने लगे
खून फैलने लगा
भारत का दिल फ़िर दहका।

बयानो ने फ़िर धावा बोला
हर नेता ने अपना पासा फेंका
सबने की आंतक की निंदा
खेल फिर भी खेलेते गंदा
शुध्द राजनिती अब तो सीखो।

जनता का रोष कुछ दिखने लगा
सरकार से सवाल पूछने लगे
लोग आज उग्र हैं कल चुप हैं
फ़िर केवल अपने में खुश है
आंतक से बचना है तो आज चुप ना रहिये।

दशहत फैलाने वालो
कुछ होश अपने सम्भालो
नफरत नहीं प्यार पाओ
जीवन लेना नही देना सीखो
धर्म अपना अब तो पह्चानो।

-अस्तित्व, यू ए ई