प्रेम तुम्हारा………
प्रेम तुम्हारा है अति पावन
दिखाये हर पल मुझको सावन
स्पर्श तुम्हारा है रुई जैसा
कोमल है जो मन की भाषा
प्रेम करती तुम्हारी हर अदा
मधहोश करती तुम्हारी हर सदा
सागर सी गहराई है इसमें
झील सी है शांति इसमें
प्यार का हर रंग छलकता इसमें
प्रेम के हर साज बजते है इसमें
हर मौसम की झलक है इसमें
जिंदगी की हर राह समाई इसमें
प्यार ने दी हर नई सांस मुझको
तुम्हारे प्रेम की तरंग छूती मुझको
-अस्तित्व
प्रेम तुम्हारा है अति पावन
दिखाये हर पल मुझको सावन
स्पर्श तुम्हारा है रुई जैसा
कोमल है जो मन की भाषा
प्रेम करती तुम्हारी हर अदा
मधहोश करती तुम्हारी हर सदा
सागर सी गहराई है इसमें
झील सी है शांति इसमें
प्यार का हर रंग छलकता इसमें
प्रेम के हर साज बजते है इसमें
हर मौसम की झलक है इसमें
जिंदगी की हर राह समाई इसमें
प्यार ने दी हर नई सांस मुझको
तुम्हारे प्रेम की तरंग छूती मुझको
-अस्तित्व
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