॥ॐ श्री गणेशाय नम:॥
आपका स्वागत है मेरे इस ब्लोग में। आशा है आपको मेरे साथ आनन्द आयेगा। मेरा प्रयास रहेगा की आप की आशाओ में खरा उतरुंगा। सभी पढ़ने वालो को मेरा सप्रेम नमस्कार एवम् अभिनंदन। .

शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

आहट तेरी आये तो……



दर्द के लमहे समेटे
अहं की चादर लपेटे
वक्त के सूनेपन में
खोया यूं अपने में
आहट तेरी आये तो????

यादों के साये में
मौसम के बहकाये में
ख्वाबों के बिखरने में
आंसुओ के छलकने में
आहट तेरी आये तो????

खुशबू तेरी हर सांस में
दूरी के हर अहसास में
गिरते हुये विश्वास में
प्यार की हर आस में
आहट तेरी आये तो????

‘अस्तित्व’ अपना बचा ले
प्यार अपना हम पा ले
दुःख दर्द अपना बांट ले
जीना फ़िर सीख ले
आहट तेरी आये तो।

-अस्तित्व, यू ए ई

6 टिप्‍पणियां:

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

दर्द के लमहे समेटे
अहं की चादर लपेटे
वक्त के सूनेपन में
खोया यूं अपने में
आहट तेरी आये तो????
bahut sunder...dil ko chu gaya hai
word verification gata de

seema gupta ने कहा…

अस्तित्व’ अपना बचा ले
प्यार अपना हम पा ले
दुःख दर्द अपना बांट ले
जीना फ़िर सीख ले
आहट तेरी आये तो।
" words are straight from the heart, beautiful composition"

Regards

दीपक कुमार भानरे ने कहा…

जी बहूत खूब .
अन्तिम पन्तियों अति सुंदर है .

pallavi trivedi ने कहा…

यादों के साये में
मौसम के बहकाये में
ख्वाबों के बिखरने में
आंसुओ के छलकने में
आहट तेरी आये तो????

Udan Tashtari ने कहा…

वाह!!

अति सुन्दर!!


वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!

अस्तित्व ने कहा…

जी धन्यवाद आप लोगो के प्रोतसाहन के लिये। वर्ड वेरिफिकेशन हटा लिया है मैंने।