तुम्हारे पहलू में आने को अब जी चाहता है,
तुम्हारे आंचल में छुप जाने को जी चाहता है,
तुम्हारे अंगो में मेरे अंग मिल जाना चाहते है,
तन और मन एक दूजे में खो जाना चाहते है,
तुम्हारे बदन की महकती खुश्बू पा लेने दो,
अपने पहलू में मुझे बस यूं ही खो जाने दो,
सांसो को मेरी सांसो में अब मिल जाने भी दो,
अपने होंठो का रसपान मुझे अब करने भी दो,
प्यार से अपनी आंखो में मुझे अब बसने भी दो,
सारे जंहा का नशा मुझे अब इनमें पाने भी दो,
तुम्हारे पहलू में आने को अब जी चाहता है,
तुम्हारे आंचल में छुप जाने को जी चाहता है।
- अस्तित्व, आबू दाबी, यू ए ई
रविवार, 25 नवंबर 2007
अपने पहलू में आने दो !!!
प्रस्तुतकर्ता अस्तित्व पर रविवार, नवंबर 25, 2007
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2 टिप्पणियां:
अति सुंदर प्रणय गीत!
वाह क्या बात है!! बहुत बढ़िया!!
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