हर नेता बनना चाहता है अभिनेता
अभिनय करता जाता है आज का नेता
नेता बन कर बढाना चाहते है अपना खाता
भ्रष्टाचार से करते है नेता अपना समझौता
नेता का वादा जनता की समझ नहीं आता
फ़िर भी जनता ही चुनती है ऐसा नेता
अपने स्वार्थ के लिये दल है बद्ला जाता
अपने प्रतिद्वंद्वी से हाथ मिला लेता है नेता
ईमान की बाते करके बेईमान बन जाता है नेता
स्वाभिमान की बात भूल चुका है आज का नेता
जाति धर्म का सहारा लेता आज का सफ़ेदपोश नेता
जनता की सुध नहीं लेता है आज का मदहोश नेता
- अस्तित्व, यू ए ई
गुरुवार, 29 नवंबर 2007
~ आज का नेता ~
प्रस्तुतकर्ता अस्तित्व पर गुरुवार, नवंबर 29, 2007
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