बिन्दु-बिन्दु से बनता जिंदगी का चित्रण
सजता उसमें हमारी आशाओं का दर्पण
करती उसमें इच्छायें स्वच्छंद विचरण
रंग जाते उसमें भिन्न- भिन्न प्रकरण
अन्तरात्मा का है जिसमें विवरण
भावों का रहता है जिसमें समर्पण
कर देते है उसमें सब कुछ अर्पण
खूबसूरती का रहता जिसमें आकर्षण
समेटे हुये जो सच का आवरण
करता है खुशियों का वितरण
प्रेम की खुशबू फैलती छ्ण-छ्ण
बोल पड़ता है जिसमें कण-कण
-अस्तित्व
शुक्रवार, 7 दिसंबर 2007
जिन्दगी का चित्रण
प्रस्तुतकर्ता अस्तित्व पर शुक्रवार, दिसंबर 07, 2007
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें