दूरियां दर्मियां होती तो
पास तुम्हारे हो्ता कैसे?
आंखे मिलती नहीं हमारी तो
इन आँखो में बसाता कैसे?
तुमसे अनजान होता तो
अपनी जान बनाता कैसे?
आवाज सुनी ना होती तो
प्यार के स्वर सुनता कैसे?
इंतजार किया न होता तो
मिलने का पल समेटता कैसे?
अहसास रुक जाते तो
सांसे यूं समाती कैसे?
प्रीत तुमसे की न होती तो
गीत मन के लिखता कैसे?
- अस्तित्व, यू ए ई
4 टिप्पणियां:
बहुत उम्दा, लिखते रहें.
geet man ke lihta kaise..... bahut khoob kaha aapne
आप अच्छा लिखते है।
अच्छा लिखा, लिखते रहे...
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