आज फिर उनको हमारा ख्याल आया
सपने में आकर चुपके से मुझे जगाया
कहने लगी भूल जाओ कल की कहानी
चलो शुरु करे अब फिर एक नई कहानी
अपना सहारा तुम्हें बनाना चाहती हूँ
तुम को अपना प्यार बनाना चाहती हूँ
तुम ही तो हो मेरे श्रृंगार – दर्पण
करती हूँ मैं तुमको सब कुछ अर्पण
आज फिर मुझे सीने से लगा लो
अपने रूठे दिल को फिर से मना लो
अब कर ना सकूँगी और इंतजार
खड़ी हूँ लेकर मैं फूलो का हार
आज फिर उनको हमारा ख्याल आया
सपने में आकर चुपके से मुझे जगाया
- अस्तित्व
सपने में आकर चुपके से मुझे जगाया
कहने लगी भूल जाओ कल की कहानी
चलो शुरु करे अब फिर एक नई कहानी
अपना सहारा तुम्हें बनाना चाहती हूँ
तुम को अपना प्यार बनाना चाहती हूँ
तुम ही तो हो मेरे श्रृंगार – दर्पण
करती हूँ मैं तुमको सब कुछ अर्पण
आज फिर मुझे सीने से लगा लो
अपने रूठे दिल को फिर से मना लो
अब कर ना सकूँगी और इंतजार
खड़ी हूँ लेकर मैं फूलो का हार
आज फिर उनको हमारा ख्याल आया
सपने में आकर चुपके से मुझे जगाया
- अस्तित्व
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