॥ॐ श्री गणेशाय नम:॥
आपका स्वागत है मेरे इस ब्लोग में। आशा है आपको मेरे साथ आनन्द आयेगा। मेरा प्रयास रहेगा की आप की आशाओ में खरा उतरुंगा। सभी पढ़ने वालो को मेरा सप्रेम नमस्कार एवम् अभिनंदन। .

मंगलवार, 4 दिसंबर 2007

प्यार की राह में

प्रेम तपस्या में
लीन होकर जाना
कुछ हद तक
प्यार की भाषा को
और उसकी परिभाषा को

प्रेम एक
सम्बन्ध है
मेल है
दिल के तारो का
परस्पर स्नेह का
विचारो का
भावनाओ का

एक दूजे का
सहारा है प्यार
समर्पण और आदर का
सामंजय है प्यार

शायद इस दुनिया मे कई
प्रेम पुजारी है
फिर भी
प्रेमबन्धन मे पूर्ण नही

प्यार मोह्ब्बत के इस
मनचले खेल ने
"अस्तित्व" तुम्हें
बहुत कुछ सिखलाया है
और सिखा रहा है

अरे!!! ये किसकी आवाज है
जो चुपके से मेरे कानो मे
शहद घोल रही है और
अपने करीब बुला रही है

अच्छा मैं चला और कुछ
सीखने की चाह मे - प्यार की राह में।

-अस्तित्व

4 टिप्‍पणियां:

Keerti Vaidya ने कहा…

bhut khoob

36solutions ने कहा…

सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति । आभार ।


घर पर ब्‍लाग मित्र का फोन और गांव की कुंठा

अमिताभ मीत ने कहा…

अच्छा है जनाब. पहली बार आया आपके ब्लॉग पर. और हाँ, आनंद आया.

"अच्छा मैं चला और कुछ
सीखने की चाह मे - प्यार की राह में।".... वाह !

बेनामी ने कहा…

aap sabhi logo ka dhanyawad. choti choti tipniya likhne ka protsahan deti hai.