॥ॐ श्री गणेशाय नम:॥
आपका स्वागत है मेरे इस ब्लोग में। आशा है आपको मेरे साथ आनन्द आयेगा। मेरा प्रयास रहेगा की आप की आशाओ में खरा उतरुंगा। सभी पढ़ने वालो को मेरा सप्रेम नमस्कार एवम् अभिनंदन। .

मंगलवार, 1 जनवरी 2008

फिर क्या बदला?


नई सुबह, नया दिन
बीत गये कुछ लम्हे
अब रात होने को आई
क्या अलग था कल से
सोचने लगा इस शाम से

कुछ भी नहीं बदला
क्या बदला मैं?
क्या बदले तुम?
क्या बदल गये वो?
बदला तो क्या बदला?

दिन वही, रात वही
फिर क्या बदला?
तुम वही, मैं वही
फिर क्या बदला?
भूख वही, प्यास वही
फिर क्या बदला
हँसी वही, आँसू वही
फिर क्या बदला?
ईर्ष्या वही, प्यार वही
फिर क्या बदला?
रिश्ते वही, नाते वही
फिर क्या बदला?
दर्द वही, पीड़ा वही
फिर क्या बदला?

रात की काली स्याही में
सुबह की उभरती लाली में
शायद सुबह कुछ बदल जाये
इसी आस में कल के इंतजार में
-अस्तित्व



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